दूर हम से कहीं नहीं जाना।,
फ़ासले एतबार खोते हैं।
फ़ासला तुम से कर तो ले लेकिन,
दूर जाने से सांस रूकती है ।
दूरियों की वजह न बन जाए,
फ़ासला दरमियान रखते हैं ।
दूरियों से कहां शिकायत है,
फ़ासले दिल के बस नहीं अच्छे ।
दूरियों से बस इत्तिफाक रहा,
फ़ासले कम नहीं किये हमनें ।
दूरियों को करीब कर बैठे,
फ़ासले जब भी कम किये हमने ।
फ़ासला तुमसे कर नहीं सकते,
दिल धड़कनें का एक सबब तुम हो ।
फासला दरमियान कर बैठा,
मुझको इतना करीब कर बैठा ।
----डाॅ फौज़िया नसीम शाद