यहाँ नियमो से जिंदगी नहीं चलती
यहाँ शास्त्रों से दिन नहीं ढलता
यहाँ पग पग पर चुनौतियां
यहाँ क्षण क्षण में मौत बसी है
मै सुखी
मै सुरक्षित
इस भ्रम में मत जीना
अहंकार से दूर रहना
यहाँ रावण को भी मरना पड़ा l
यहाँ पांडवो को सर झुकाना पड़ा l
यहाँ राम को वन वन भटकना पड़ा l
यहाँ कृष्ण को रण छोड़कर भागना पड़ा l
यहाँ कुछ भी संभव है
आज का दिन ढल गया
अभी रात बाकि है
कल किसने देखा
हे भगवंत..
तुम सर्वज्ञ।
✍️ प्रभाकर, मुंबई ✍️

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




