आस्था से प्रेम करने की सजा।
जिस्म को निछावर करने में रजा।।
पूरी उम्र अधमरा सा जीवन रहा।
पूजा पाठ में घर भर की रहीं रजा।।
गरीबी के तार भगवान से जुड़ाव।
जीवन का यज्ञ मोक्ष पाने की रजा।।
अधूरी आशा पूरी कभी नही हुई।
फिर भी 'उपदेश' मान्यता में रजा।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद