जब भी देखा शैतान को हमने किताबों में देखा
शैतानियों को हमने आदमियों की हवस में देखा
डरती रही दुनिया शैतानों से, लुटती रही दुनिया
आदमियों के हाथ, बुराइयों को आदमियों में देखा
आदमी सा था ईश्वर, जब भी देखा, बस आदमी ने देखा
करतूत शैतान सी आदमी में देखी जानवरों ने जब भी देखा