,🌿आंसू कहते हैं 🌿
जब दिल होता है दर्द से आकुल
तब अंखियों से धीरे से निकल कर
हमसे कुछ बुदबुदाता कह जाते हैं
नहीं हो तुम अकेले हम है
तो तुम्हारे हमसफ़र हमराह
दुनिया ने तुम्हें भले ही ना माना
पर हमने तो तुम्हें समझा
अपना तुम्हें माना है
यह सोचकर ना हो जाना उदास
कि तुम हो एक अकेली जान
हर पल हर क्षण है तुम्हारे साथ
क्या हुआ दुनिया जो टीस दे जाती है
हर टीस में दर्द पुराना है
दर्द को कम करना तो हमें आता है
कुछ नहीं हमें तो बस
यूं ही अंखियों से तेरी
तेरी छलक सा जाना है
साथ तेरा ऐसे ही निभाना है
साथ तेरा ऐसे ही निभाना है
✍️#अर्पिता पांडेय