मैं गीत लिखूँगा फिर से नया,
चाहत-वाहत हो जाने दो !!
कुछ रंग नया आ जायेगा,
रिफिल नया आ जाने दो !!
सावन का भरोसा क्या यारो,
कल बरसे या फिर ना बरसे !!
अंदर से भिगो दे कुछ ऐसा,
ज़रा इंतज़ाम हो जाने दो !!
चेहरे के पीछे क्या पड़ना,
जिसको इक दिन ढल जाना है !!
जो जिस्म को भेद रूहानी हो,
सुनामी ऐसी आ जाने दो !!
संघर्ष में साथ है तनहाई ,
क़ाफ़िला इश्क़ की आये तो सही !!
सफलता जो तनहा कर दे,
बेहतर है फ़ना हो जाने दो !!
- काव्य हाले😍दिल वेदव्यास मिश्र की कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है