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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

आप से पूरी तरह वाक़िफ़ हैं हम

पानी में गिरी तेरे अश्कों की बूंद को भी पहचान लेते हैं,
तू लाख छुपाए अपना दर्द तेरे दर्द को हम जान लेते हैं,
क्योंकि आप नहीं होंगे भले ही हमसे वाक़िफ़, लेकिन हम है आपसे पूरी तरह से वाक़िफ़ .....

तेरी खुशियों में हॅंसते हैं तेरे साथ हम,
तेरे दुःखो में रोते हैं तेरे साथ हम,
तू लाख मुस्कान रखे अपने चेहरे पर लेकिन तेरे गमों को जान लेते हैं हम,
क्योंकि आप नहीं होंगे भले ही हमसे वाक़िफ़, लेकिन हम है आपसे पूरी तरह से वाक़िफ़.....

एक दिन अचानक पड़ी एक फोटो पर नज़र हमारी, उसमें था एक हाथ,
पहचान लिया हमने उसे वो तो था आपका ही हाथ, पहचानते कैसे नहीं भला,
क्योंकि आप नहीं होंगे भले ही हमसे वाक़िफ़, लेकिन हम है आपसे पूरी तरह से वाक़िफ़.......

तुम्हारे दिल में हमारी जगह क्या है,
तुम्हें प्यार हमसे कितना है यह बताती नहीं हो तुम, पर हम सब जान जाते हैं,
क्योंकि आप नहीं होंगे भले ही हमसे वाक़िफ़, लेकिन हम है आपसे पूरी तरह से वाक़िफ़........

"रीना कुमारी प्रजापत"







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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Lekhram Yadav said

जरूर वाकिफ होना चाहिए बङी खूबसूरत गजल है।

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏

Ankush Gupta said

Heart touching..

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Sundar prastuti Mam apni der se upasthiti Ke liye maafi chahta hun bahut sundar likha Prem ho to Aisa hi ho

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏 आभार नमन

वन्दना सूद said

वाह वाह!!बहुत खूब लिखा 👏👏

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