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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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कविता की खुँटी

                    

बूंदें ये सावन की

मन को भी नहलाती है
बूंदें ये सावन की
तन को भी नहलाती हैं
बूंदें ये सावन की

घुमड़ घुमड़ घुमड़ती है
बादल काली काली जब
सुधि प्रियतम की लाती हैं
बूंदें ये सावन की

अपनी यौवन में झूमते जब
खेतों में धान के पौधे
सन सन गीत सुनाती हैं
बूंदें ये सावन की

आसमान से झरती जब
सागौन की चौड़ी पत्तों पर
तबले की ताल सुनाती हैं
बूंदें ये सावन की

बहती है पावस की धारा
गलियों और आंगन में
घुंघरू की खनखन गाती हैं
बूंदें ये सावन की

उछल उछल कर नाचे जब
चंचल बचपन आंगन में
पांवों को थिरकाती हैं
बूंदें ये सावन की

धरती की कोमल आंगन में
मस्ती भरी कीट पतंगों में
सुर श्रृंगार सजाती हैं
बूंदें ये सावन की

श्रमवीर मजदूरों के
थके हाथ और पांवों में
नव ऊर्जा ले आतीं हैं
बूंदें ये सावन की

डालियों में बंध जातीं जब
झूलों की डोरियां
तन-मन को झूलातीं हैं
बूंदें ये सावन की

पसर गई जो धरती पर
कोमल कोमल हरियाली में
हरियाली भर जातीं हैं
बूंदें ये सावन की

नन्ही नन्ही पांवों की
सुन सुन छप छप छई
यादें बचपन की लातीं हैं
बूंदें ये सावन की

मखमली कोमल मौसम में
हर चेहरे पर खुशहाली
उत्सव लेकर आतीं हैं
बूंदें ये सावन की

जड़ चेतन हर्षाने वाली
धरती को नहलाने वाली
प्रकृति की अनमोल कृति है
बूंदें ये सावन की।


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह! मानो सावन की हर बूंद कविता बनकर टपक रही हो…
"इतनी सौंधी, इतनी सरस — ये कविता नहीं, प्रकृति का नृत्य है शब्दों में!" 🌧️🌿
हर छंद एक अलग चित्र बनाता है — बचपन, खेत, झूला, खुशियाँ — सब कुछ सजीव हो उठा।
"बूंदें ये सावन की" — सचमुच, काव्य की मोती जैसी पंक्तियाँ! 💧✨
आदरणीय सोनवानी सर जी को सादर प्रणाम सहित सुप्रभात

इक़बाल सिंह “राशा“ said

सावन की बूंदों में जीवन का संगीत सुनाती अति उत्तम रचना बहुत बढ़िया सर
आपको सादर प्रणाम

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

अशोक जी, मीठी प्रतिक्रिया के लिए हृदय से धन्यवाद आभार नमस्कार!!

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

राशा जी,दिल की अंतहीन गहराई से आभार, नमस्कार!!

शिल्पी चड्ढा said

सावन की बूंदों का बहुत ही सुंदर चित्र बनाया है आपने | अत्यन्त उत्तम|

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

शिल्पी जी, खूबसूरत समीक्षा के लिए हृदय से धन्यवाद।🙏

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