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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

हिचकी पर हिचकी

एक निवाला मुँह मे गया नहीं,
हिचकी पर हिचकी,
बगल बैठे भाई साहेब बोलने से नहीं चुकते...
"जनाब आपको कोई दिल से याद कर रहा है"
और हम बैठे दूसरे निवाला के चक्कर में कब हिचकी बंद हो,
है न अजीब बात...!!!
संजय श्रीवास्तव




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Ghazab ka Bindu Sanrekhit kiya hai hai Shrivastva Sir aapne anupam prastuti..🙏🙏

Sanjay Srivastva replied

हृदय से आभार आपका अशोक जी, शुभ रात्रि🪴

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना।👌👌🙏🙏

Sanjay Srivastva replied

आभार सुभाष जी

Sanjay Srivastva said

शुक्रिया सुभाष जी😊

रीना कुमारी प्रजापत said

अच्छा तो आपको भी आ गई ऐसी ही हिचकी जब दिल से कोई याद कर रहा हो, हमे भी आई थी कभी ऐसी हिचकी वक्त मिले तो हमारी रचना"हिचकी" पढ़ना। बहुत सुंदर प्रस्तुति .....🙏🙏

Sanjay Srivastva replied

मुझे हिचकी रोज ही आती है रीना जी, इतना भाग्यशाली भी नहीं कोई मुझे रोज याद करे हो सकता कोई medical issues हो , धन्यवाद आपका आपकी 'हिचकी' पर लिखा हुआ संकलन जरूर पढ़ूँगा और समझने की कोशिश करूँगा.

श्रेयसी said

Ajeeb hin nahi ye sachhi baat bhi hai . Sundar abhiwyakti 👌👌🙏🙏

Sanjay Srivastva replied

जी बिल्कुल सही फरमाया श्रेयसी जी, आभार आपका 😊

वन्दना सूद said

बहुत सही 😂

Sanjay Srivastva replied

शुक्रिया वंदना जी😊

रीना कुमारी प्रजापत said

Daily hichaki aana medical issue ho sakta hai but kabhi kabhi aaye to koi dil se zarur yaad karta hai, mujhe hichaki aaye Kai saal bit gaye the aakhri baar hichaki kab aai thi mujhe ye bhi malum na tha tab ek din hichaki aai to socha koi dil se yaad kar raha hai or ye sab maine meri rachna mein likh dala tha

Sanjay Srivastva replied

सहमति आपसे रीना जी, हिचकी का नाम नहीं दे रहा हूँ लेकिन आप विश्वास कीजिये जब भी कुछ लिखूँ या ना लिखूँ आपको याद जरूर करता हूँ दोनों portal आपका पोस्ट ढूंढता हूँ और पढ़ता भी जरूर हूँ 😊

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