खिली है धूप सुनहरा दिन है
रात अमावश की भी लगती पूर्णिम है
लड़ियाँ रंग बिरंगी रौशनी की भी
उछलती कूदती बलखाती शर्माती
इठलाती हंसती खेलती सी लगतीं हैं
दिशाएं गूंज उठीं हैं मां लक्ष्मी प्रभु
गणेश की जयघोष से
आज धरती जगमगा उठी है लोगों
की जोश से
खुशियां जैसे समा गईं हैं लोगों की
आगोश से
की आज़ झिलमिला उठा हर गली
मोहल्ला ,नुक्कड़ हर चौराहा देश का..
की दिवाली पर्व ही है ऐसा महान
शांति सौहार्द सामाजिक समरसता
और खुशहाली का..
तो मिटा कर सभी गिले शिकवे
हर अंधकार को भगातें हैं
आओ सभी मिलजुलकर
धरती सज़ातें हैं
उमंगों की ऊंची उड़ानों संग
मिलकर सभी शुभ दिवाली मनातें हैं
मिठाइयों संग आपस में खुशियां
बांटते हैं..
आओ सभी मिलकर देश का कोना कोना जगमगातें हैं
शुभ दिवाली मनातें हैं..
शुभ दिवाली मनातें हैं..
"हैप्पी दिवाली टू ऑल ऑफ माई फ्रेंड्स"

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




