आज फिर सावन आया है
ना जाने संग अपने क्या-क्या लाया है,(2)
प्यार बरसाने आया है हमको लुभाने आया है।
आज फिर ये सावन,
इश्क की एक और नई दास्तां सुनाने आया है।।
आज फिर सावन आया है,
संग अपने बहारें लाया है।(2)
बारिश की बूंदों से तन को भिगाने आया है,
आज फिर ये सावन हमें बहलाने आया है।।
आज फिर सावन आया है
दिलों में अरमां जगाने आया है,(2)
जवां दिलों को दीवाना बनाने आया है।
आज फिर ये सावन,
मोहब्बत को मोहब्बत से मिलाने आया है।।
~🌼रीना कुमारी प्रजापत