हे दीन,दयाल,सकल,कृपाल,,,
मेरी रक्षा करो प्रभु महाकाल!!!
तुम जीवन अंतर्यामी हो,,,
प्रभु तुम जग के कल्याणी हो!!!
तुम्हारे चक्षुओं से ना कुछ छूटता है,,,
तृतीय नेत्र तुम्हारा क्रोध पे खुलता है!!!
हे शिव शंकर,जटा समंदर,,,
विष धारण किए कंठ के अंदर!!!
तेरी माया अपरमपार है,,,
प्रत्येक काया तेरी बड़ी महान है!!!
नंदी बाबा पर होकर तुम सवार,,,
करते हो हर मनुष्यों का बेड़ा पार!!!
हे अनंतकाल, तुम अतुलनीय हो,,,
सर्वमुखी,अपरिभाषित,अकल्पनीय हो!!!
क्या सुर क्या असुर सब ही,,,
तेरी महिमा का गुणगान करे!!!
तेरी घोर तपस्या करके,,,
ये मनचाहा प्राप्त वरदान करे!!!
गंगा मईया तुमसे जन्मी है,,,
जो पृथ्वी लोक की दुख हरनी है!!!
चंद्र धरण ललाट पर है शिरोमणि,,,
गले में विराज है सर्प राज चंद्रमणि!!!
ॐ के उच्चारण मात्र से,,,
तन मन शुद्ध हो जाता है!!!
ह्रदय से पुकारे जो मानव तुमको ,,,
खत्म जीवन का आत्मद्वंद हो जाता है!!!
जन्म-मृत्यु से परे हो प्रभु तुम,,,
तुम्हारा मैं ह्रदय से स्मरण करूं!!!
तुम्हारी प्रीत को पाने को मैं महाकाल,,,
सम्पूर्ण जीवन तेरी भक्ति में अर्पण करू !!!
प्रचंड रूप देख तुम्हारा,,,
तीनो लोक है थर्र-थर्र कांपें!!!
तेरी शक्ति के आगे प्रभु,,,
समस्त लोक क्षमा मांगे!!!
हे शिव शम्भू, अपने भक्तों के लिए,,,
दया निदान तुम करुणा का हो सागर!!!
संपूर्ण विश्व धन्य हुआ है,,,
तुम्हारी शिव भक्ति को पाकर!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




