आईने में,जब भी,
अपनी, तस्वीर देख लेता हूं
उनकी होंठों की मुस्कान में ,
अपनी तकदीर देख लेता हूं
आती है, गलियों से,जब
उनकी पांवों की आहट
अपनी दहलीज़ पर बंधी
एक जंजीर देख लेता हूं
मूंद लेता हूं, अपनी आंखों में
उनकी आंखों को
बिना डूबे समंदर की
जागीर देख लेता हूं
नींद मीठी आए, तो,
ख्वाबों में वही आए
सुबह आइने में, ख्वाबों की
ताबीर देख लेता हूं
आईना सच बोले, न बोले
इश्क झूठ नहीं बोलता
आंखों ही आंखों में, एक
तासीर देख लेता हूं।
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




