आदमी हो तो आदमी के पास जाओ
कुछ उसकी सुनो कुछ अपनी बताओ
तभी एक दूसरे पर जान पहचान होगी
जिन्दगी जीने में भी आसान होगी
अगर एक दूसरे को जानोगे नहीं
कभी भी किसी को पहचानोगे नहीं
देखो सारी उमर अकेले हो जाओगे
बाद में जा कर बहुत पछताओगे
बाद में जा कर बहुत पछताओगे.......
----नेत्र प्रसाद गौतम