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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

निशा खातिर रहो -ताज मोहम्मद

निशा खातिर रहो तुम्हें इल्ज़ाम ना दूँगा अपनी बरबादी का।
हो कितनी भी ग़ुरबत तुम्हें पैगाम ना दूँगा मैं अपनी मददकारी का।।1।।

हर जख्म है भारी मेरे दिल का पर तुम्हें मैं दिखा सकता नहीं।
मिलने पर तुमसे कोई शिकवा गिला ना करूँगा तुम्हारी बेवफाई का।।2।।

मोहब्बत तो मोहब्बत है कोई कारोबार नही ज़िन्दगी में।
वरना मैं भी कर लेता सौदा तुम्हारे बाप से तुम्हारी बेहयाई का।।3।।

गुज़ारिश हैं तुमसे कभी मिलना तो मुझको पहचानना नही।
वरना फिर मुझ पर तोहमत ना लगाना तुम तुम्हारी रुसवाई का।।4।।

वादा किया था तुमने हमसे सफर में कभी साथ चलने का।
छोड़कर राह में तन्हा मुझे तुमने समाँ बना दिया दुनियाँ में जगहसाई का।।5।।

वह और बात है कि मैं तुम्हें बददुआ देता नहीं कभी।
पर चाहता हूँ तुम्हें भी अहसास हो ज़िंदगी में अपनों की जुदाई का।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

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Lekhram Yadav said

वाह, बहुत अच्छा एहसास करा रहे हो जुदाई का, ताज भाई जबरदस्त एहसास है ये, कीपर इट अप।

ताज मोहम्मद replied

बस अपना प्रेम और स्नेह हमेशा मुझ पर बनाए रखे भाई जी। धन्यवाद।

Bhushan Saahu said

Bahut achaa likha janaab..

ताज मोहम्मद replied

शुक्रिया भाई जी।

Komal Raju said

Behatrin gajal..

ताज मोहम्मद replied

शुक्रिया।

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