तुम यदि सच में गम्भीर हो
पर्यावरण की रक्षा के प्रति
तो पहले रोक लो उन्हें—
जो 'शोध-पत्र' के नाम पर
काग़ज़ के पन्नों को
नित प्रतिदिन बर्बाद करते हैं।
मैं बताना चाहता हूँ तुम्हें—
अधिकतर मिलेंगे ऐसे लोग
मानविकी के गलियारों में
जो महज़ पदवी के लोभ में
लिखते रहते हैं शोध-पत्र
बिना किसी गुणवत्ता के।
-प्रतीक झा 'ओप्पी' (उत्तर प्रदेश)