दोस्त और छोटा भाई
सो चुके हैं, पत्नी के पास —
पर वह अब भी जाग रहा है
सर्द, निशब्द रात में।
पास हैं किताबें — भौतिकी की
और बुझी सिगरेटों का ढेर।
शायद ईश्वर ने ही चुना उसे —
जिसने सूत्रों और सिद्धान्तों से
रच डाली अपनी एक महान गाथा।
सैद्धान्तिक भौतिकी के मन्दिर में
ओपेनहाइमर
बन गया एक मौन पुजारी।
-प्रतीक झा 'ओप्पी' (उत्तर प्रदेश)