व्हाई आय किल्ड बर्ड?
एक पंछी...
मेरे हिसाब से नहीं उड़ रहा था l
मेरी धारणाओं को छेद रहा था l
मेरी मान्यताओं के अनुसार नहीं चल रहा था l
मेरे विचारो को नहीं मान रहा था l
मेरे संस्कारो के विपरीत चल रहा था l
मेरे अहंकार को कुचल रहा था l
हे भगवंत...
मैंने उसे मार डाला।
✍️ प्रभाकर, मुंबई ✍️