Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

प्रथाएंँ बदलती रहती है

जो बेटियांँ पीहर में खिलखिलाती रहतीं हैं
वही बहू बनकर गम अपना छिपाती रहतीं हैं

अपना मान लेने से कोई अपना हो नहीं जाता
फिर भी ससुराल में सबको अपना बनाती रहतीं हैं

अपवादों को छोड़कर बहुतायत घरों से आज भी
आपसी रंजिशें दरवाजों से झाँकती रहती है

लाज़मी है क्यूंँ छोड़ें सिर्फ लड़कियांँ हीं घर अपना
अधिकांशत: दूसरे घर जाकर तो वो घुटती रहतीं हैं

वक्त के साथ दुनियाँ कितनी आगे बढ़ गई मगर
रुढ़िवादी विचारों में सास बहू उलझतीं रहतीं हैं

बेशक शादियांँ हों मगर कुरीतियों के साथ नहीं
बेटी दान न कर वज़ूद बचाएँ क्यूंँकि वो जान गवाँती रहतीं हैं

क्यूंँ न हम भी अपनी मानसिकता को उन्नत बनाएँ
संशोधन होता हीं रहता है प्रथाएंँ बदलती रहती है




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Lekhram Yadav said

बहुत ही खूबसूरत और लाजवाब गजल मेरी प्यारी बहना, मजा आ गया पढ़कर, आपने बहुत ही खूबसूरती के साथ एक औरत के मन के वास्तविक दर्द को शब्दों के साथ उकेरा है। आपको मेरा हार्दिक सादर नमस्कार।

श्रेयसी said

धन्यवाद दर्द को समझने के लिए बहुत-बहुत आभार। सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

एक एक लफ़्ज़ दिल को छू गया दीदू रानी..... इससे ज्यादा कुछ समझ नहीं आ रहा कि अब और क्या कहूं तारीफ़ में...... बस यही कहूंगी कि ये तो तय है कि जिस दिन पूरा ज़माना मेरे ख़िलाफ़ होगा आप मेरे साथ होंगी ये आपकी इस रचना में मुझे स्पष्ट नज़र आ रहा है......बहुत सुंदर और स्वतंत्र विचार 👌👌

श्रेयसी said

बिल्कुल रीना जी हम हमेशा आपके साथ हैं और रहेंगे।बस मुझे यही जानना था कि आपका विचार क्या है। बहुत-बहुत आभार समझने के लिए 🙏🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन