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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ये वही गीत हैं

ये वही गीत हैं

ये वही गीत हैं जो कभी गुनगुनाए न गए
किसी महफिल में कभी ये सुनाए
न गए
खिले हैं कई प्यार के र॔ग इन गीतों
में मेरे
जुदाई के र॔ग हैं इनमें गम के स॔ग
स॔ग मेरे
ये वो र॔ग हैं जिन्दगी के जो दिखाए
न गए
किसी महफिल में कभी ये सुनाए
न गए

उदासियों भी हैं इनमें और तन्हाइयां भी हैं
ये खुशी से झूमती हुई मेरी परछाईयां भी हैं
ये जज्बात हैं जो किसी से छुपाए
न गए
किसी महफिल में कभी ये सुनाए
न गए

कसक प्यार की इनमें याद अपनों
कई है
जो देखता है हर कोई ये बात सपनों की है
वही ख्वाब हैं आखों को जो दिखाए न गए
किसी महफिल में कभी ये सुनाए
न गए

खुशी मिलने की इनमें गम बिछङने का है
पतझङ भी है इनमें प्यार का मौसम भी है
ये वो सरगम है गीतों की जो सुनाए न गए
किसी महफिल में कभी ये सुनाए न गए

इन गीतों को घूंघट में जब छुपाया
हमने
नकाब गजलों के चेहरे पे यूं लगाया हमने
लाख कोशिश की मगर ये छुपाए न गए
किसी महफिल में कभी ये सुनाए
न गए

जब भी फुर्सत में तुम इनको
गुनगुनाओगे
यूं स॔ग इनके लिपट के तुम चले
आओगे
यह वही राज हैं यादव जो बताए
न गए
किसी महफिल में कभी ये सुनाए
न गए
- लेखराम यादव


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Muskan Kaushik said

यह दर्दे दिल है जो किसी को बताएं ना गए जख्म दिल पर ऐसे Lage की फिर हम पर सिलाye ना गye bht bdiya likha aapne.

Lekhram Yadav replied

मुस्कान जी आपके लबों से निकले शब्द मेरे इस गीत से अधिक सुंदर हैं,तारीफ केलिए शुक्रिया।

फ़िज़ा said

Lajawab behtarin likha janab

Lekhram Yadav replied

आदरणीय फ़िजा जी मेरा ये गीत आपको अच्छा लगा यह जान कर बहुत खुशी हुई। गीत की तारीफ के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

वन्दना सूद said

बहुत खूब sir🙌🏻🙌🏻👏👏बहुत गज़ब का लिखते हैं आप

Lekhram Yadav replied

स्वागत है आपका वन्दना जी मेरी इस छोटी सी दुनियां में, ये मेरी शीध्र प्रकाशित होने वाली पुस्तक का टाइटल गीत है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार।

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