एक एक लम्हा मैं भी तड़पा अब तो दर्शन दो मेरे राम,
खुद को खोया तुमको पाया सब कुछ मेरे मेरे राम,
इस मानव का अर्थ ना समझा अब आया मुझको आराम,
धर्म अधर्म के बीच का फर्क अब जाना मेरे मेरे राम,
एक एक लम्हा मैं भी तड़पा अब तो दर्शन दो मेरे राम,
सुबह शाम है भज्जू तुम्हे मैं मेरे मेरे मेरे राम,
अब तेरी आशा और अभिलाषा में मेरा जीवन बीते राम,
भेदभाव और फर्क न समझूं सब में तेरी मूरत राम,
एक एक लम्हा मैं भी तड़पा अब तो दर्शन दो मेरे राम,
अब तो दर्शन दो मेरे राम,
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