ज़िंदगी एक कविता है" सिर्फ एक शीर्षक नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण है — जीवन को उसकी जटिलताओं, सरलताओं, दर्द और मुस्कानों के साथ अपनाने की एक कोशिश। यह कविता हमें बताती है कि जीवन कोई सीधा-सरल गद्य नहीं, बल्कि एक ऐसी कविता है जिसमें हर मोड़ पर एक नया छंद है, हर आंसू में कोई अलंकार, और हर मुस्कान में कोई छुपा हुआ रस। कभी यह कविता उल्लास से भर देती है, तो कभी अकेलेपन से गूंज उठती है। यह रचना एक भावनात्मक यात्रा है — पाठकों को उनके अपने अनुभवों से जोड़ने, सोचने और मुस्कुराने पर मजबूर करने वाली।
"ज़िंदगी एक कविता है"
हर सुबह की किरण में एक गीत छुपा होता है,
हर साँझ की चुप्पी में संगीत सजा होता है।
जो देख सके वो देखे इन लम्हों की रवानी,
ज़िंदगी हर पल में एक कविता बना होता है।
कभी बरसातों की बूँदों में नज़्में टपकती हैं,
कभी पतझड़ की ख़ामोशी में ग़ज़लें चहकती हैं।
हर दर्द, हर मुस्कान, हर धड़कन का रंग,
इस काग़ज़ी जीवन में स्याही सी बहकती हैं।
चलते रहो तो पंक्तियाँ खुद बनती जाती हैं,
रुक जाओ तो अधूरी सी किताबें रह जाती हैं।
मंज़िल न सही, मगर सफ़र का ये हुनर,
हर मोड़ पे नई कविता सी महक जाती है।
तो जब भी टूटो, बिखरो, ग़म से घिर जाओ,
इन शब्दों की रौशनी में फिर से खिल जाओ।
क्योंकि ये जीवन, अगर दिल से जिया जाए,
तो हर आँसू, हर हँसी — एक कविता बन जाए।
लेखक- अभिषेक मिश्रा बलिया

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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