तुम अकेला चलना सीखो
पांव जले जलने दो
ठोकर लगे लगने दो
किन्तु पथ पर भयभीत मत हो
तुझे भी कुछ करना है
जग में नाम कमाना है
तिनका तिनका नींद लेके
एक सपनें सजाना है
हो कुछ तो डरो मत
तुम नए सुर के गीत हो
तुम किसी के दुश्मन तुम ही मीत हो
जितना उड़ना हो उड़ो,
किन्तु पथ पर भयभीत मत हो
आशाओं के दीये लेकर
जग को रोशन कर दो
रखो विश्वास ईश्वर पर,
जीवन को प्रकाश से भर दो
सोचो मत आगे बढ़ो,
नाव खड़ी है पांव धरो
लहरे आएगी तो आने दो
किन्तु पथ पर भयभीत मत हो
मनोज कुमार यकता

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




