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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

उज्ज्वल दिन, उज्ज्वल रातें

(राम नरेश उज्ज्वल की यह बाल कविता देवपुत्र मासिक पत्रिका के मई 2025 अंक में प्रकाशित हुई है ।)


उज्ज्वल दिन, उज्ज्वल रातें
_____________________


ईश्वर इतना दे हमको ।
हम भी दे पाएँ सबको ।।

कभी न कोई दिक्कत हो ,
सदा हमारी इज्जत हो ,
उन्नति के पथ पर चढ़ कर
छू लें हम फ़ौरन नभ को ।
ईश्वर इतना दे हमको ।।

सेवा भाव भरें मन में ,
रोग-दोख ना हो तन में ,
मदद सभी की कर पाएँ
आप बढ़ाएँ ताकत को ।
ईश्वर इतना दे हमको ।।


कभी नहीं अपराध करें ,
लोभ-मोह सब आप हरें ,
बुद्धि विवेक जोश जगे
पा लें अपनी मंज़िल को।
ईश्वर इतना दे हमको ।।




राह चलें सच्चाई की
बात करें अच्छाई की
तन-मन में हो निश्छलता
त्यागें दंभ और छल को ।
ईश्वर इतना दे हमको ।।


आँसू भी पी जाएँ हम ,
खुशियों को फैलाएँ हम ,
कलरव गूंजे हर घर में
सुरभित कर दें जीवन को।
ईश्वर इतना दे हमको ।।


राष्ट्र प्रेम की अलख जगे ,
सबसे न्यारा देश लगे ,
अगर जरूरत पड़े कभी
कटा सकें अपने सर को ।
ईश्वर इतना दे हमको ।


मुश्किल में घबराएँ ना ,
बिना बात टकराए ना ,
उज्ज्वल दिन, उज्ज्वल रातें
उज्ज्वल कर दें जंगल को ।
ईश्वर इतना दे हमको ।।
_______
~राम नरेश 'उज्ज्वल'
उज्ज्वल सदन
मुंशी खेड़ा,(अपोजिट एस-169
ट्रांसपोर्ट नगर), एल.डी.ए. कालोनी,
लखनऊ-226012
मो: 07071793707
ईमेल : ujjwal226009@gmail.com




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

"बहुत सुंदर" - राह चलें सच्चाई की बात करें अच्छाई की तन-मन में हो निश्छलता त्यागें दंभ और छल को । ईश्वर इतना दे हमको

Shiv Charan Dass said

बहुत खूब सीधी सादी मंगलमय कामना

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