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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

वृक्ष बना दो

(राम नरेश उज्ज्वल की प्रसिद्ध बाल रचना)

वृक्ष बना दो
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प्रभु हमको भी वृक्ष बना दो ।
जड़, पत्ती, फल, फूल, तना दो ।।

मन से कलुषित तत्त्व निकालो
घृणा द्वेष का बीज न डालो
अहंकार को निर्वासित कर
पावन भू पर कहीं उगा दो ।
प्रभु हमको भी वृक्ष बना दो ।।

वातावरण विश्व का सुरभित
कर दें पर्यावरण सुरक्षित
हरित क्रांति कण-कण में लाकर
धरती का श्रृंगार बढ़ा दो।
प्रभु हमको भी वृक्ष बना दो ।



झड़ जाएँ जब पत्र कदाचित
खाद-पाँस बन जाएँ निश्चित
बंजर मिट्टी में मिश्रित कर
कृषि भूमि के योग्य बना दो।
प्रभु हमको भी वृक्ष बना दो ।


सूखे जब लकड़ी यह तन की
सामग्री तब बने हवन की
शत्रु कीट जो हैं इस जग के
उन्हें धरा से दूर भगा दो।
प्रभु हमको भी वृक्ष बना दो ।।




अमृत रस की वर्षा कर दो
खुशियों के फूलों से भर दो
मधु की मधुर-मधुर फुलवारी
से सारी नगरी महका दो।
प्रभु हमको भी वृक्ष बना दो ।।


रोम-रोम को औषधि कर दो
जीवन की खुशबू से भर दो
जख्म हृदय का भरने वाला
सबको मरहम और दवा दो।
प्रभु हमको भी वृक्ष बना दो ।।

पत्थर मारे जो भी हम पर
फल से उसका दें प्रति उत्तर
झंझावात सहें हँस हँस कर
ऐसी अतुलित शक्ति दिला दो।
प्रभु हमको भी वृक्ष बना दो ।।
******
~राम नरेश 'उज्ज्वल'
उज्ज्वल सदन
मुंशी खेड़ा,(अपोजिट एस-169
ट्रांसपोर्ट नगर), एल.डी.ए. कालोनी,
लखनऊ-226012
मो: 07071793707
ईमेल : ujjwal226009@gmail.com




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

Shiv Charan Dass said

बहुत सुन्दर रचना जिसमें राम भी हैँ नरेश भी हैँ और वृक्ष बनने की उज्जवल कामना भी है

Shiv Charan Dass said

राम की तरह नरेश की उज्जवल रचना

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