प्रतिस्पर्धा
ज़िन्दगी सिर्फ़ प्रतिस्पर्धा नहीं है
ख़ुद की जीत के लिए दूसरों से मुक़ाबला करना ही ज़िन्दगी की दौड़ नहीं है
अपने लिए कमाना और उसे अपने पर ही खर्च करना ही ज़िन्दगी नहीं है
कुछ नया सीखने की चाह भी होनी चाहिए
कुछ काम ख़ुशी के लिए भी करना चाहिए
दूसरों के लिए जीना भी ज़िन्दगी ही है।
प्रतिस्पर्धा प्रेम भाव में होनी चाहिए
अहम् को त्यागने में होनी चाहिए
गुणों को अपनाने में होनी चाहिए
अवगुणों को नज़रअंदाज़ करने में होनी चाहिए ॥
वन्दना सूद