आज मनुष्य रोगों से पीड़ित है
कहीं सुख नहीं है
बिना ही कारण अभिमान और विरोध करते हैं
दस-पाँच वर्षों का जीवन है परन्तु अभिमान ऐसा है
मानो प्रलय होने पर भी नाश नहीं होगा
कलियुग पाप और अवगुणों का है घर
किन्तु कलियुग का है एक विशेष गुण
कि बिना परिश्रम किए भगवान सिमरन से ही
भवबन्धन से छुटकारा पा सकते हैं
वेद और पुराणों ने यही गाया है ..
🙏🙏वन्दना सूद🙏🙏
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




