जय जय जय हे आदि भवानी,
जय जय जय मंगल शुभ करनी/
जय जय जगत सृष्टि हे माता,
जय जननी जय भाग्य विधाता /
जय जग सिंचित तुम परतापा,
विश्व मोहिनी शैल सुजाता /
जय जय जय हे महिष्विदार्निन,
जय जननी जय भय उद्धारनी /
तुम प्रभाव जग व्याप्त भवानी,
जय जय जय हे पालनहारनि/
जय जय मृत्युंजय उर वाशनि,
जय जननी कैलाश निवासनि /
जय देवी जय जय अघनासनि,
जय भगवती त्रिताप विदारनि /
जय शक्ति जय हरि पटरानी ,
जय माता वैकुंठ विहारिणी /
तुम ही जगत् व्याप्त महामाया ,
तुममें ही सब जगत समाया /
जय काली जय शारदा भवानी ,
आगम निगम सब वेद वखानि /
जय जय हे भारत भारतेश्वरी ,
जय अम्बे जय जय जगदीश्वरी /
जय जय प्रकृति पुरुष बहु रूपा,
जय महादेवी दिव्य अनूपा/
उज्जवल नयन शूल कर साजे ,
चक्र सरासन पाश जग काजे /
जय ममता की मूर्ति भवानी,
जय जय जय जग की कल्याणी /
माँ भगवती की आराधना है जीवन में शक्ति और ऊर्जा का स्रोत सतना सुदामापुर में चल रही भागवत कथा में आचार्य श्री कृष्ण चेतन के सानिध्य मे सभी बढ़े कवियों ने किया गायन - संचालक तेज प्रकाश पांडे