जिस प्रकार अक्षरों को जाने बिना,उन्हें शब्दों में पिरोना सम्भव नहीं है ।
उसी प्रकार नित्य नियम की दृढ़ता से प्रभु की सेवा किए बिना भक्ति रस का आनन्द समझ पाना सम्भव नहीं है ।
किसी ने खूब कहा है-
कि जो लोग परमात्मा का उपयोग जानना चाहते हैं ।
वे समझ लें कि परमात्मा का आनन्द है उपयोग बिल्कुल नहीं है॥
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







