स्वयं लीजिए ख़ुशियों की ज़िम्मेदारी
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अक्सर हम सोचते हैं कि कोई और हमें खुश करेगा, कोई और हमारी तन्हाई भर देगा, या हमारी मुस्कुराहट का कारण बनेगा। लेकिन सच्चाई यह है कि खुश रहने की असली चाबी हमारे ही हाथों में होती है।
आपकी ख़ुशियाँ, आपकी ही ज़िम्मेदारी हैं। किसी ने आपको खुश रखने का ठेका नहीं लिया है, और न ही यह उम्मीद रखना सही है कि कोई हमेशा आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा।
ज़िंदगी का असल सौंदर्य तभी निखरता है जब इंसान अपने सुख-दुःख का ज़िम्मा ख़ुद उठाता है। जब हम दूसरों पर अपनी खुशी का बोझ डालते हैं, तो न केवल हम निराशा का शिकार होते हैं बल्कि अपनी आंतरिक शक्ति को भी कमज़ोर कर देते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि आप अपनी खुशियों का स्रोत अपने भीतर खोजें।
■ नकारात्मक लोगों से सदैव दूरी बना कर रखें।
■अपनी छोटी-छोटी उपलब्धियों पर गर्व करें।
■ अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करें।
■ अपने भीतर की अच्छाइयों को पहचानें और उन्हें सँवारें।
याद रखिए, जब आप अपनी ख़ुशियों का ख़ुद ख़्याल रखना सीख जाते हैं, तो न केवल आप सशक्त बनते हैं बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन जाते हैं।
और इस वास्तविकता को सदैव स्मरण रखें कि अपनी ख़ुशियों के संरक्षक आप ख़ुद हैं कोई और नहीं।
— डॉ. फ़ौज़िया नसीम शाद