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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

सट्टे वासी खेल (पार्ट 2 )

रामाराव घबरा होकर उससे पूछा "क्या हुआ बेटा तुम ठीक तो है न ? " ।सुमन ने आंखों की आंसू रोक न पाया । सुमन ने अपने आप को संभाल कर फोन करने की बात पूछी ।रामा राव ऐसे जवाब दिया कि " तीन दिनों में तुम्हारा शादी होने वाला है जल्दी आजा,भूल गया है क्या ? "

रामाराव को संदेश आकर सुमन से पूछा तुम ठीक तो है न वहाँ ?सुमन ने हाँ कहकर काम के नाम पर फोन बंद कर दिया ।सुमन ने अपने आप पर लांछन लगा दी "क्या कर दिया मैंने,मैंने तो पैसे कमाने की लालची में पड़कर अपने जिंदगी बरबाद कर दिया " ।

थोड़ी देर के बाद सुमन चाबी लेकर बाहर गये। सुमन ने फफक - फफक कर रोने लगा ।एक तरफ से बचपन की खुशियाँ याद आने लगी ।एक क्षण सारे जिंदगी सामने आ गये। यह सब सोचते सोचते उसकी दुर्घटना हुई । उसी दुर्घटना में सुमन का देहांत हो गया ।

यह खबर सुनकर उसके मां-बाप की आंखें नम गए । दोनों ने बिलखने लगी ।शादी रुक गई ।चारों ओर अशांत फैल गई । कर्ज अपने मां-बाप चुकाना पड़ा । अपना सब कुछ भेज कर थोड़ा कर्ज चुकाया । आखिर दोनों अनाथ हो गये है । उन दोनों के मन मन भर भारी होने लगे । शेष कर्ज चुका न पाने की वजह से उन दोनों गुलामी होना पड़ा ।

The end




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Ankush Gupta said

Great message with such a suspense and storyline..

Ankush Gupta said

End of story is very sad. But it happens when childrens like him do the same actions with their parents

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut marmik ghatna kram is rachna ka

फ़िज़ा said

The end is very bad, storyline is very good

फ़िज़ा said

You have written it so nicely but I feel bad for the parents.

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