(बाल कविता)
मेरी मौसी
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घर जब आती मेरी मौसी ।
लड्डू लाती मेरी मौसी ।।
काजू पिस्ता मिश्री मेवा ,
मुझे खिलाती मेरी मौसी ।
करता काम अगर मैं अच्छा,
गिफ्ट दिलाती मेरी मौसी ।
गलत काम करने पर हरदम
डाँट पिलाती मेरी मौसी ।
कभी मुसीबत में होता तो
धैर्य बँधाती मेरी मौसी ।
थक जाता यदि चलते-चलते
गोद उठाती मेरी मौसी ।
हिम्मत से आगे बढ़ने का
पाठ पढ़ाती मेरी मौसी ।
अगर कभी मैं डर जाता तो
जोश जगाती मेरी मौसी ।
सदा वक्त के साथ चलो ये
भी समझाती मेरी मौसी।
कठिन समय आता है जब भी
साथ निभाती मेरी मौसी ।
सत्य-अहिंसा के रस्ते पर
सदा चलाती मेरी मौसी ।
कभी-कभी गुस्सा होकर के
गाल फुलाती मेरी मौसी ।
मम्मी जैसा मुझ पर हरदम
प्यार लुटाती मेरी मौसी ।
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~राम नरेश 'उज्ज्वल'