तेरी लाल ध्वजा मैया
मन में लहर लहर लहराए।
तेरी कृपा की किरणों से
ये जीवन झिलमिल हो जाए।
मेरी जगदंबे माता मैं करूं वंदना तेरी।
मां दर्शन दे मुझको बस यही प्रार्थना मेरी।
तेरी दया का द्वार खुले
किस्मत रंगमहल बन जाए।
तेरी लाल ध्वजा मैया
मन में लहर लहर लहराए।
मां दुर्गा सप्तशती तेरह अध्यायों वाली,
इनमें से झलक रही तेरी महिमा शेरावाली।
कुंजिका स्तोत्र तेरा
मैया कोई समझ न पाए।
तेरी लाल ध्वजा मैया
मन में लहर लहर लहराए।
तू बीस भुजाओं से रक्षा भक्तों की करती,
रोगों के असुरों का संहार इन्हीं से करती।
तेरे नाम शताशष्टक मां
विपदाओं से हमें बचाएं।
तेरी लाल ध्वजा मैया
मन में लहर लहर लहराए।
तेरी तंत्र साधना के हैं शक्तिपीठ इक्यावन,
बत्तीस नाम तेरे नौ रूप तेरे मनभाव।
तेरे रक्षा कवच को मां
कोई शक्ति भेद ना पाए।
तेरी लाल ध्वजा मैया
मन में लहर लहर लहराए ।
तू ही वैष्णो देवी तू शारदे मैहर वाली,
तू बहरारे वाली काली कलकत्ते वाली।
कोई दिल से पुकारें तो
मैया बांह पसारे आए।
तेरी लाल ध्वजा मैया
मन में लहर लहर लहराए।
दरबार तेरे सजते जब नौ दिन को तू आती,
घर अपने भक्तों के जब बैठ सिंह पर जाती।
तेरी पैजनियों की धुन
मैया छम छम छम छम आए।
तेरी लाल ध्वजा मैया
मन में लहर लहर लहराए ।
गीतकार अनिल भारद्वाज एडवोकेट हाईकोर्ट ग्वालियर मध्यप्रदेश