(बाल कविता)
रंग बिरंगे गुब्बारे
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रंग बिरंगे गुब्बारे भरकर लाया ।
बच्चों की खुशियों को लेकर मैं आया ।।
नीला गुब्बारा जब पूरा फूलेगा ,
आसमान में दो दिन पक्का घूमेगा ,
नील गगन की सैर कराने हूं आया।
रंग बिरंगे गुब्बारे भरकर लाया ।।
पीला गुब्बारा जब आप फुलाएँगे
चार दिनों के लिए चाँद पर जाएँगे
चन्द्र लोक की खोज कराने मैं आया।
रंग बिरंगे गुब्बारे भरकर लाया ।।
भूरे रंग का गुब्बरा जब फूलेगा ,
छह दिन के ही बाद रात में फूटेगा ,
नश्वरता का ज्ञान कराने मैं आया।
रंग बिरंगे गुब्बारे भरकर लाया ।।
हरे रंग के गुब्बारे जब फूलेंगे
आठों पहर हरे पेड़ पर झूलेंगे
सावन को घर-घर पहुंचाने मैं आया ।
रंग बिरंगे गुब्बारे भरकर लाया ।।
और बैंगनी गुब्बारा जब फूलेगा ,
दसों दिशाओं के समीर को भर लेगा ,
शुद्ध हवा से आज मिलाने मैं आया।
रंग बिरंगे गुब्बारे भरकर लाया ।।
लाल रंग के गुब्बारे जब फूलेंगे ,
मास बारहो हंसी-खुशी से बीतेंगे ,
जीवन में उल्लास जगाने मैं आया।
रंग बिरंगे गुब्बारे भरकर लाया ।।
गुब्बारा जब श्वेत रंग का फ़ूलेगा ,
चौदह दिन तक इंद्रलोक में घूमेगा ,
देवों के दर्शन करवाने मैं आया।
रंग बिरंगे गुब्बारे भरकर लाया ।।
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The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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