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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

आम के पेड़ से सीख डॉ कंचन जैन स्वर्णा

आम के पेड़ से सीख
डॉ कंचन जैन स्वर्णा




एक हरा-भरा जंगल जिसमें पके हुए आमों से लदा एक पेड़ है।

पात्र

मिंटू - मीठा खाने वाला एक क्रोधी भूरा बंदर ।

चीकू - शरारत करने में माहिर एक चालाक कोयल ।

संवाद

मिंटू (उत्साह से हवा सूँघता है) आह, ताज़े आमों की महक! आखिरकार, मेरे इस गड़गड़ाते पेट को संतुष्ट करने के लिए कुछ।

(मिंटू आम का पेड़ की ओर बढ़ता है, उसकी आँखें चमक रही हैं।)

चीकू (पास की एक शाखा से ज़ोर से गीत गाते हुए) रुको, अनाड़ी पंजे! ये आम मेरे हैं!

(मिंटू आश्चर्य से ऊपर देखता है।)

मिंटू : तुम्हारा? बेतुका मत बनो, कौवा। यह पूरा जंगल सब कुछ देता है, और ये आम सभी के लिए खाने लायक हैं।

चीकू : ये आम नहीं! मैं इन्हें कई हफ़्तों से बढ़ते हुए देख रहा हूँ, इनके पकने का इंतज़ार कर रहा हूँ। ये मेरे हक़ के हैं!

मिंटू :(मज़ाक करता है) तुम, एक दुबली-पतली, कोयल एक पूरी झाड़ी के मालिक होने का दावा करती हो? यह हास्यास्पद है। इसके अलावा, मेरे आकार के साथ, मैं उन सभी को तुमसे कहीं ज़्यादा तेज़ी से इकट्ठा कर सकता हूँ।

चीकू : (संयमी स्वर) आकार ही सब कुछ नहीं है, धीमे-धीमे। मैं छोटी हो सकती हूँ, लेकिन मैं चतुर हूँ। और ये आम एक झटपट नाश्ते के लिए बिल्कुल सही आकार के हैं।

मिंटू :(बड़बड़ाते हुए) एक झटपट नाश्ता? यहाँ सैकड़ों आम हैं! तुम संभवतः उन सभी को नहीं खा सकते।

चीकू : (धूर्तता से) यहीं पर तुम गलत हो, बंदर। मेरे दोस्त हैं। बहुत सारे दोस्त।

(मिंटू घबरा कर इधर-उधर देखता है। चीकू आँख मारता है।)

मिंटू :(संकोच से) दोस्तों, है न? और तुम्हारे दोस्त क्या खाना पसंद करते हैं?

चीकू :(अपने पंख फैलाती है) सबसे रसीले, पके हुए आम जो उन्हें मिल सकें!

(मिंटू घूँट भरती है, कल्पना करती है कि कोयलों का झुंड झाड़ी पर उतर रहा है।)

मिंटू :ठीक है, ठीक है! तुम जीत गई कोयल। कुछ आम ले लो। लेकिन कुछ हम बाकी जंगल के लोगों के लिए छोड़ दो।

चीकू : (हँसता है) एक बुद्धिमानी भरा फैसला, बंदर । सभी के साथ बांटकर खाना करना हमेशा एक अच्छा विचार है। इसके अलावा, पेट भर जाने से तुम अब चिड़चिड़े नहीं रहोगे!

(मिंटू हार में आह भरती है लेकिन एक अजीब सी राहत महसूस करती है। चीकू एक शाखा पर बैठ जाती है और एक आम पर चोंच मारती है।)

शिक्षा:

यह कहानी हमें सिखाती है कि सभी के साथ बांटकर खाने से न केवल दयालु प्रवृत्ति है बल्कि फायदेमंद भी है। एक साथ काम करने और उचित व्यवहार करने से, हर कोई लाभान्वित हो सकता है।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Suprabhaat Dr Mam bahut hi sundar preranatmak kahaniya padhne ko mil rahi hain. Aapka dhanyawaad

डॉ कंचन जैन "स्वर्णा" replied

धन्यवाद 🙏

Muskan Kaushik said

बहुत अच्छी सीख👏

वेदव्यास मिश्र said

बहुत ही प्यारी शिक्षाप्रद कहानी 👌👌

डॉ कंचन जैन "स्वर्णा" replied

धन्यवाद आदरणीय 🙏

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