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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

तुम सवालों से डराया ना करो - हार्ट😍टचिंग गज़ल - वेदव्यास मिश्र

तुम सवालों से डराया ना करो,
हल कभी खुद भी तो बन जाया करो !!

यूँ करो ना हँसके सबसे बात तुम,
ऐसे भी मुझको चिढ़ाया ना करो !!

जानते हो चाहते कितना तुम्हें,
फिर भी यूँ कसमें खिलाया ना करो।

बातें सीधे-सीधे कहते क्यों नहीं ,
बातों में हमको न उलझाया करो !!

मायके में जब भी जाते हो सनम,
जाते ही मुझको भूलाया ना करो !!

सिर्फ तुमको देखके लिखता गज़ल,
अपनी कसमें यूँ दिलाया ना करो !!

- वेदव्यास मिश्र की चौबीस कैरेट वाली..
वादों 😍भरी कलम से..


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (10)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

वाह! आज चौबीस कैरेट वाली कलम, बहुत खुब

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, आपकी प्रथम समीक्षा के लिए और हौसला बढ़ाने के लिए हृदय तल से आभार मैम नमस्कार 🙏💝💝🙏

Vineet Garg said

आपकी 24 कैरेट वाली कलम ने कमाल कर दिया बहुत खूबसूरत लिखा है आपने

Manju Sharma said

आपने इतनी बेहतरीन कलाम से लिखा है और आप भी सवालों से डर रहे हैं डटकर सामना कीजिए मैम के सवालों का

वेदव्यास मिश्र said

Vineet Garg जी, आभार एवं नमस्कार 🙏💖💖🙏

वेदव्यास मिश्र said

Manju Sharma जी, नहीं डरते हैं..बस कभी-कभी ही डर लगता है..और वैसे भी चिन्ता की कोई बात ही नहीं है..कब तक ड्रेगन आदमी !! जरूरत पड़ी तो हम पानी में भी आग लगा सकते हैं 😍😍 हम फिर कह रहे हैं..हम हमेशा नहीं डरते हैं 🙏🙏 नमस्कार करते हैं आपको..हमें इतनी हिम्मत देने के लिए..आप यहीं रहियेगा बाहर ..कहीं जाइयेगा नहीं😁हम अभी डाँट के आते हैं जौन है तौर से 🍵🍵

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

मायके में जब भी जाते हो सनम, जाते ही मुझको भूलाया ना करो !! सिर्फ तुमको देखके लिखता गज़ल, अपनी कसमें यूँ दिलाया ना करो Bahut khoob Acharya ji.. Vese jab kalam 24 caret ki h aur rachna mam ne padh li hogi to aage se samsya utpann nahi hogi aisi asha h....24 caret to khara hota hai adarneey mam bhi samjh jayengi rachna ke madhyam se

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र जी, बिलकुल अनुज श्री..आपकी गैसिंग परफेक्ट है !! उन्होंने सचमुच पढ़ लीं काव्य को .. आज दोपहर को जब मैं स्कूल में था..फोन आया है और उसके बाद फोन में ही मेरा चौबीस कैरेट की खिंचाई हो गई !! अपनी सफाई में मैं ज्यादा कुछ बोल ना सका !! बस इतना जरूर बोला हूँ कि पगली, मेरे जैसे साफ दिल व्यक्ति कै बारे में गलत-सलत सोचती है ! तुम्हारे बारे में कितनी तारीफें किया हूँ..वो नहीं दिखा तुम्हें..तुम्हें देखकर गज़ल लिखता हूँ..ये भी तो लिखा है मैंने !! मान गईं हैं..अभी वो ज्यादा बोलने की वजह से पछतावे में मेरे लिए भजिया बना रही हैं !! आइये आप भी भजिया खाने..बस एक अनुरोध है..चौबीस कैरेट वाली मत याद दिलाइयेगा 🙏💜💝🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah aaj ek bar jab dobara se saamne aayi hai ghazal, dobara se wahi mahaul yaad aagya, aapke bhinn bhinn prakar ki kalme zehan m tair rahi hain...Pranam Adarneey Acharya Ji 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, माफ कीजियेगा,अभी वाराणसी आया हूँ ..poor network की वजह से reply नहीं कर पा रहा हूँ !! मेरी एकमात्र दीदी सीरियस हैं..पहले से थोड़ी बेहतर हैं !! मैं पुन: बातें करूँगा भाई अशोक जी समय मिलते ही !! शुभाशीष शुभनमन जय हो काशी विश्वनाथ जी की 🙏🙏

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