तुम सवालों से डराया ना करो,
हल कभी खुद भी तो बन जाया करो !!
यूँ करो ना हँसके सबसे बात तुम,
ऐसे भी मुझको चिढ़ाया ना करो !!
जानते हो चाहते कितना तुम्हें,
फिर भी यूँ कसमें खिलाया ना करो।
बातें सीधे-सीधे कहते क्यों नहीं ,
बातों में हमको न उलझाया करो !!
मायके में जब भी जाते हो सनम,
जाते ही मुझको भूलाया ना करो !!
सिर्फ तुमको देखके लिखता गज़ल,
अपनी कसमें यूँ दिलाया ना करो !!
- वेदव्यास मिश्र की चौबीस कैरेट वाली..
वादों 😍भरी कलम से..
सर्वाधिकार अधीन है