मेरे अराध्य
मेरी आंखों में तू
मेरे दिल में तू
मेरी रूह में तु
मेरी सांसों में तू
मेरे शब्दों में तू
मेरे अल्फाजों में तू
मेरी धड़कन में तू
मेरे मन में तू
मेरे तन में तू
मेरी सुबह तू
मेरी शाम तू
मेरी नींदों में तू
मेरे सपनों में तू
मेरे अश्कों में तू
मेरी हंसी में तू
मेरे दर्द में तू
मेरी हर शय में तू
फिर कहां अलग हैं
तुझमें मैं मुझमें तू
हर वक्त मेरे अंग संग
प्रभुवर बस तू ही तू।
रचनाकार- पल्लवी श्रीवास्तव, अरेराज, ममरखा.. पूर्वी चम्पारण (बिहार)