ये कलम पूछती है
तुम्हारी जेबें खाली है
तो नोटें क्यों जाली है
ये तुम्हारे बहाने है,
या झूठ की ताली है
तुम कहते हो टैक्स दिए
गरीबों के फटे जेब सीए
मगर रहता कौन है झोपड़ी में
जो रहने के लिए उजाले किए
सड़के टूटी आवाज लगाए
गड्ढे हो पानी भर जाए
शिक्षा और सुरक्षा,
इसके बिन कैसे जिया जाए
तुम्हारी धोती सफेद सजे
गाड़ी उदली बदली जाए
मगर पूछा है कभी हाल उनका
जो रोटी के लिए गुहार लगाए
ये कलम पूछती है
सरकार के चमचों से
बारिश आ गई घरों पे
कहां छिप जाए हम
ये कलम पूछती
उन दलालों से,
टपटप करते नलका का पानी
किसके द्वार पे बहाए हम
ये कलम पूछती हैं
शूट बूट वालों से
किससे कार्य कराए हम
मनोज कुमार यकता


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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