दिल में दर्द देने वाला, दिल में हीं रहता है
जाओ कहीं भी, ज़ेहन से नहीं निकलता है
हम चाह कर भी, दूर उससे, रह नहीं सकते
प्यार करते हैं जितना, वो उतना हीं, रूलाता है
मोह से वशीभूत हो, रहते हैं, उसीके बंधन में
रहेंगे आज़ाद, ख़ुद से किया ये वादा, टूट जाता है
जो पास रहकर भी, हमसे, रहता है दूर, तो फिर
दूर होकर भी जो, पास है, ख़्यालों में वही रहता है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




