(बाल कविता)
मम्मी सुबह बनाती चाय
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पापा जी को भाती चाय ।
मम्मी सुबह बनाती चाय । ।
दादी जी तो नींबू वाली
रोज़ सुबह बनवाती चाय ।
लेकिन मेरे बाबा जी को
सदा दूध की भाती चाय ।
चुस्ती फुर्ती लाती तन में
आलस दूर भगाती चाय ।
बंद ब्रेड को अगर डुबो दे
हरदम स्वाद बढ़ाती चाय ।
पानी चीनी पत्ती अदरक
मिलकर सदा बनाती चाय।
मीठेपन से भरी हुई खुद
मीठा हमें बनाती चाय ।
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~राम नरेश 'उज्ज्वल'

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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