जो अक्सर सराफत का चोला ओढ़े रहतें हैं
असल में धोखेबाज वही होते हैं ।
जो दिल के बहुत करीब होते हैं
अंत में दिल वही निकाल लेते हैं।
किया जिसके हवाले हाले दिल
वही दुनियां में अक्सर बदनाम करते हैं।
और क्या करे भरोसा कोई किसी पर
जो बनते हैं दोस्त यहां .....
वही जीना मुहाल कर देते हैं
अक्सर ज़माने में वही मौकापरस्त होते हैं।
भांप कर मौसम का मिजाज़
सभी यहां मस्त होते हैं।
और जो सुनता है दिल की यहां
वही इस दुनियां में तबाह होते हैं ।
और जो हैं धोखेबाज व्यभिचार
जो करतें हैं भ्रष्टाचार वही यहां राज़
करतें हैं।
और रिश्तों की तो बात हीं छोड़ दीजीए साहब..
यहां रिश्तों में भी लोग बड़ा मोल भाव
करतें हैं।
दुनियां में बस पॉवर पोजिशन पैसों वालों
को हीं लोग प्यार करतें हैं
उनका सम्मान करतें हैं।
जो है ज़ेब से ख़ाली उसको तो भी छोड़
जाती है उसकी घरवाली
हैं उनका सिर्फ़ टूटा लोटा और टूटी हुई थाली।
उजड़ी हुई दुनियां उनकी जैसे उजड़ी हुई
बगिया हो बिन माली
बस उनका तो भगवान ही है मालिक..
बस उनका तो भगवान ही है मालिक..

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




