जरा ये तो बता...
तेरी ध्वनि से प्रभावित है
स्नेहभाव में विचरते है
हर साँस से पूछा करते है
जरा ये तो बता
कौन सी आख़री है
मन मेरा, तन मेरा
जहाँ तूँ धड़के वो दिल मेरा
फिर भी पक्षपात करती है
जरा ये तो बता
कौन सी आख़री है
उम्मीद जगाकर साँस चुराती है
तन को डराकर उसे बनाती है
धुयाँ - पुयाँ, फिर मारी मारी
"अलख निरंजन" गाती है
जरा ये तो बता
कौन सी आख़री है
ख़त्म न होती मंज़िले
हसरतें सदाकाल रोती है
समझना कहाँ जिंदगी को आता है
अंत की और वो आरजू जमाता है
जरा ये तो बता
कौन सी आख़री है