सच तो यह है कि
तक़दीर अच्छी है तो हर गली ,हर शहर अच्छा है, नहीं तो अपना घर भी सुरक्षित नहीं है ।
कोई माने या न माने धर्म से दूर हुए तो हमने संस्कार भी खो दिए ।
ऐसी हैवानियत के लिए समाज का हर वह परिवार दोषी है जिसने न स्वयम् धर्म को अपनाया और न ही बच्चों को धर्म समझाया।
अभी भी समय है अपने घरों में धर्म को स्थान दीजिए ,डर कर या अंधविश्वास से नहीं विश्वास से अपने आप को जोड़िए ।
धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः ।
तुम धर्म की रक्षा करोगे तो धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा अन्यथा मन से ,तन से ,कर्म से हर प्रकार से तुम नष्ट हो जाओगे ॥
वन्दना सूद