नहीं याद मुझे
संस्कृत के कोई श्लोक
ग्रन्थों की वाणी
पुराणों की व्याख्या
जीवन को सही दिशा दिखाए ऐसी कोई कहानी !
लेकिन एक बात ऐसी है जो हमेशा याद रहती है
जिसके ग्रन्थ,काव्य,पुराण भी साक्षी हैं
कि जिसने प्रभु का दामन थाम लिया
उनके नाम को अपना लिया
उसे कुछ और जानना फिर शेष नहीं रहता
उसके माता पिता गुरु भाई सखा बन्धु बान्धव अब सब प्रभु ही हैं
क्योंकि जिसने अपने आप को भुलाया है
उसी ने हरि चरणों की महिमा को पहचाना है ..
वन्दना सूद