बेवज़ह सा सिलसिला जीवन का,
....समझ ना आये रस्ता जीवन का(2),
संघर्षों की अब डगर चली,
....जैसे तैसे फिर रात ढली(2),
नया सूरज फिर उगेगा जीवन का,
....बेवज़ह सा सिलसिला जीवन का(2),
पल-पल हर पल कांटे हैं यहां(2),
....कहीं टूटी डोर कहीं सिलसिला जीवन का,
समझ न आये रस्ता जीवन का (2),
फ़िर नई सुबह नई उम्मीद जगी,
....बसक संघर्षों की अब भी है घड़ी(2),
पर रास्ता कठिन है जीवन का,
....बेवज़ह सा सिलसिला जीवन का (2),
सर्वाधिकार अधीन है