प्रकृति का चित्र है,
रंगों का सागर हर पत्ते में जीवन।
हर फूल में नज़र आकाश नीला चादर,
तारे मोती बिखरे पहाड़ों की चोटी।
बादल उड़ते फिरते,
नदियाँ साँप सी लहरातीं।
जंगल हरे-भरे पक्षियों की चहचहाट,
मन को भाती है सूर्य देवता उगते।
चाँदनी रातें आतीं प्रकृति की गोद में,
मन शांत होता है।
पेड़ों की छाया,
शीतल हवा का झोंका फूलों की खुशबू।
मन को मोह लेती है मोर नाचता है,
बाग में बहार आई है प्रकृति की सुंदरता।