तुमसे इश्क करके बहुत कुछ पाया है मैने
आंखों में अश्क मिला
बेदर्दी सा दर्द मिला
रोने का एक वजह मिला
धोखे भरी दुनिया में धोखेबाज सनम मिली
झूठा दाग लगा के मुझ पर खुद को बेदाग बता गई
अपने इश्क का वास्ता देके मेरे हंसते हुए चेहरे की हँसी ले गई
बहुत कुछ पाया मैने तुझसे इश्क करके
खुलेआम मुझे तू बदनाम कर गई
नहीं मिला जो वो तेरा साथ है
झूठे वादे कर गई
फिर भी तुम मेरी खास हो गई
रुलाने ही था तो प्यार ही क्यों की
तड़पना ही था तो मुझसे इजहार क्यों की
वफ़ा का वास्ता देके तुम बेवफाई क्यों की
रुलाने है था मुझे तो मुझसे क्यों झूठा प्यार की
लेखक
शिवम् जी सहाय
( इश्क रिंकी)