गुनगुनी धूप में
निकला होगा वो चांद मेरा
आसमानी बादलों की लिहाफों से
लिपटा हुआ।
वो ज़र्द ज़र्द शर्द दी हवाएं
वो अलसी की कलसी हिलाए
फूलों पर भी जवानी छाए
वो सरसों की पीली नथनी
जैसे दुल्हन कोई शर्माए
खेत खलिहान बाग बागान
फलों फूलों की क्यारियां
धरती हो जैसे शादियां
खूबसूरत खेत खूबसूरत सेट
मिलन की प्यास खूबसूरत भेंट
दूध दही पकवानों के टेस्ट
सबकुछ होता यूज कुछ भी ना
होता वेस्ट...
है यह देश अपना प्यारा
यहां मज़ा है हर मौसम का यारा
इसलिए ईस्ट और वेस्ट इंडिया इस द बेस्ट...
आवर इंडिया इज द बेस्ट...