Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

नब्बे साल की एक वृद्धा

नब्बे साल की एक वृद्धा
ज़िन्दगी जीने का नया नज़रिया दिखाते हैं
किसी की कहानी को अपनी ज़ुबानी सुनाते हैं
नब्बे साल की वृद्धा से हुई मुलाक़ात बताते हैं
आँखों का धुँधलापन
तन की दुर्बलता
यादों में यादों का ही न रहना
साँसों में उलझी उनकी ज़िन्दगी
उम्र का ऐसा नाज़ुक पड़ाव
वहीं चेहरे पर एक इंतज़ार की ख़ुशी,कुछ अजीब थी
जो किसी के आने की नहीं,अपने इस संसार से जाने की थी
कहती थी कि ज़िम्मेदारियाँ अगर पूरी हो गईं तो जाने का भी ग़म नहीं
जन्म केवल ख़ुशी नहीं, मृत्यु केवल दुख नहीं
साज-शृंगार का सामान,नए कपड़े संजो कर तैयार रहना
ऐसा उत्साह जो अपने जाने का नहीं,जैसे नए आग़ाज़ का हो
ऐसी थी वृद्धा जो हमें ज़िन्दगी को जानने उसे समझने का मक़सद दे गईं ..
-वन्दना सूद


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar abhivyakti, uttam evam marmik prasang..

वन्दना सूद replied

सही कहा आपने मार्मिक यह real अभिव्यक्ति है जो हमें बहुत कुछ सिखाती है

Manju Sharma said

Uttam rachna dil ko chu gayi

वन्दना सूद replied

किसी की आँखों देखी कहानी पर मेरी रचना है

Shyam Kumar said

Ye rachna hame bht kuch smjha deti ha. Sach m martyu ko ek prsang ki tarah liya jata ha jab apne saare kartavyo se riha ho jate hain. Brna to jindgi bhi bhoj or maut bhi.

वन्दना सूद replied

जी बिल्कुल सही कहा आपने

ताज मोहम्मद said

बहुत ही गहरा लिखा आपने। बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।

वन्दना सूद replied

प्रशंसा मेरी नहीं उन महिला की है जिन्होंने अपने व्यक्तित्व को मुझे लिखने का अवसर दिया

Uma Shri said

Bahut sundar likha

वन्दना सूद replied

कहानी को रचना का रूप दिया है मैंने केवल

वास्तविक रचनायें श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन