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कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ग्राम चौपाल - पार्ट 05 - आलेख - बेरोज़गारी दूर करने का आसान फॉर्मूला और मास्साब - वेदव्यास मिश्र

ग्राम चौपाल - पार्ट 05 - बेरोज़गार दूर करने का आसान फॉर्मूला और मास्साब
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आज के ग्राम चौपाल में काफी ख़ामोशी थी क्योंकि मास्साब के प्रिय स्टूडेन्ट संतोष ने आज ज़हर पीकर जान देने की कोशिश
की थी ।

कारण था,
बारहवीं में अच्छा पर्सेन्ट से पास होने के बाद भी बी.एस सी
( बायो.) के पहले साल में दो बार फैल होना और एक लड़की से प्यार में ठुकराया जाना ।

मास्साब ने पहले तो खूब डाँटा संतोष को , फिर उसे पुचकारा भी और प्यार से समझाया भी कि आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है ।

अगर एक भी समाधान दिखता हो इस एक मूर्खता और कायरता के सिवा तो.. बेशक़ करना चाहिए और हर किसी को करना चाहिए । मगर समाधान भी तो बताओ ??

(समझाने का ऊटपटांग मगर ये अनूठा तरीका मास्साब का नि:संदेह लोकप्रिय था तभी तो इतनी लोकप्रियता थी उनकी !!)

मास्साब का समझाने का प्रयोगात्मक तरीका जारी था..वे बोले जा रहे थे..

क्या आत्महत्या करने से पास हो जाओगे या तुम्हारी फुलकुँवर मान ही जायेगी !!

कभी सोचे भी हो कि जो भी आत्महत्या करते हैं,उनके माँ-बाप के साथ क्या गुजरता है !!

ज़िन्दगी एक यात्रा ही तो है..
यात्रा कहीं नहीं थमता बेटा संतोष..न जीते जी और न ही मरने के बाद !!

जिस चैन की तलाश में लोग आत्महत्या करते हैं क्या वो चैन उन्हें मिलता भी है ??

नहीं, कायर लोगों के लिए कहीं कोई जगह नहीं है..न ही यहाँ और न ही वहाँ या कहीं भी ।

मैंने पढ़ी भी हैं बहुत सी बातें और सुनी भी है कि ..

आत्महत्या करने वाले सभी लोगों को मरने के बाद एक लाइन में बैठाकर जब यमराज साहब पूछते हैं कि -

है कोई जो साॅरी बोलकर फिर से धरती पर जाना चाहता हो !!

मास्साब आगे पूछते हैं सभी से..

क्या आप लोग जानना चाहते हैं कि, वहाँ पर आख़िर क्या होता है ??

तब गोलू ने पूछा - हाँ काका जी, आगे बताइये ना प्लीज..वहाँ आखिर क्या होता होगा ??

मास्साब ने बात आगे बढ़ाई -
तुम लोगों को ये जानकर आश्चर्य होगा कि .
सबके सब सुसाइड का प्रयास करने वाले धरती पर वापस जाना चाहते हैं !!

यमराज जी जब अपने असिस्टेंट को बोलते हैं कि झाँककर देखो- कितनों की बाॅडी अभी साबूत है !!

थोड़ी देर के बाद जब यमराज जी बोलते हैं कि साॅरी, आप सभी की बाॅडी अब सेफ नहीं है !!

अभी थोड़ी देर के बाद आप सभी को सजा सुनाई जायेगी कि समय से पहले यहाँ आने की वजह से आपने क्या गुनाह किया है ??

सुसाइड का प्रयास करने वाला स्टूडेंट संतोष बोला -

आगे बताइये, काफी इंटरेस्टिंग लग रही है बात आपकी चाचा जी !!

अभी मास्साब कुछ और समझाते कि घर से खाना खाने का बुलावा आ चुका था !!

मास्साब के साथ ही साथ लगभग-लगभग सभी बुजुर्ग अपने-अपने घर की ओर रवाना हो चुके थे !!

जाते-जाते संतोष को हिदायत देकर गये मास्साब कि कल शाम के चौपाल में अपने साथ ही साथ रामदीन और रामदास को भी उपस्थित
रहना है !!
बुजुर्ग सभी जा चुके थे चौपाल से..
मगर चौपाल कहाँ रूकता है..वो तो जारी ही रहता है ..जब तक गाँव का एक भी आदमी जगा रहता है !!

बुजुर्गों के जाते ही चौपाल का प्रभार आ चुका था युवाओं के मुखिया गंगाराम के पास जो मास्साब के हमउम्र दोस्त रामपाल जी का लड़का है !!
हँसी-ठहाके ,गपशप, शिकवे-शिकायते और समाधान तथा रूठना-मनाना का एकमात्र केन्द्र बिन्दु ग्राम-चौपाल आज भी जारी है..

जहाँ का सूक्ति वाक्य मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत आकर्षित करता है -
" सर्वतीर्थमयी माता,सर्वदेवमय: पिता ।
मातरं पितरं तस्मात् सर्वयत्नेन पूजयेत् !! "
यानि हमें अपने माता-पिता का अवश्य ही सम्मान करना चाहिए !!


यह रचना, रचनाकार के
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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (10)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत ही खूबसूरत पार्ट - मास्साब सलामत रहे, उनके जैसे लोगों की समाज को जरुरत है, तभी संतोष जैसे लोगों को इस तरह के कार्य करने से रोका जा सकता है, ग्राम चौपाल में किरदार बढ़ रहे हैं, जैसे कि आशा भी थी, गोलू भैया को प्रणाम, संतोष भाई जी से तो यही कहेंगे अब होगया सो होगया आगे से न ऐसा वैसा कुछ करना, और न ही करने देना, आचार्य जी की कलम किसी को नहीं बख्शती, यह जीवन के अनुभवों और अपनत्व प्रेम भावनाओं से ओत प्रोत हैं, गंगाराम जी और रामपाल जी तक प्रणाम पहुंचे, बहुत सुन्दर अंक है आचार्य जी - प्रणाम स्वीकार करें

Sandhya Sarswat said

apni jaan Dena kisi samsya ka koi solution nahi hota

Muskan Kaushik said

Sach kha...suicide koi option nahi ha. Kmaal ka likha ha.

डॉ कृतिका सिंह said

Bahut sundar prastuti, aap bahut achha likhte hain Santosh ji ka Santosh kyu khatam hogya? Bataiyega jarur.

रमेश चंद्र said

बेरोजगारी का तो क्या ही करें श्रीमान पर जो भी maassb ने कहा वह बिल्कुल सत्य है

वेदव्यास मिश्र said

रमेश चंद्र जी, सच्ची बात कही है आपने ..बेरोज़गारी एक भयंकर समस्या है ..जिसका समाधान भी स्वयं को ही निकालना पड़ेगा !! नमस्कार 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

डॉ कृतिका सिंह जी, सही बात है..नाम है संतोष मगर संतोष बिलकुल भी नहीं..सवाल तो है !! मात्र दो बार फैल होना से और लड़की फुलकुँवर द्वारा मात्र इनकार करने से ज़िन्दगी खतम कर करने की कोशिश करना.. फिलहाल बुद्धिमानी तो नहीं कही जा सकती !! समझदार वो हर इन्सान है..जो लाख परेशानी आने पर भी जिन्दा हैं !! आभार मैम 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

Muskan Kaushik जी, अति उत्तम विचार कि सुसाइड को टालना ही बुद्धिमानी है !! आभार हृदय स्पंदित 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

Sandhya Sarswat जी, बहुत-बहुत आभार मैम नमस्कार 🙏🙏

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, स्नेहाशीष नमन भाई सहृदय !! आज अति व्यस्तता के चलते आपकी समीक्षा पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाया था जिसके लिए क्षमा कीजियेगा !! आपका उत्साहवर्धन मेरे लिए अनमोल थरोहर है !! स्वागत वेलकम आभार !! गोलू,रामदीन, रामफल और गंगाराम जी के तरफ से आप सपरिवार को यथायोग्य पहुँचे !! 🙏🙏 🙏🙏💜💜🙏🙏

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